Sunday, December 9, 2012

AYURVEDIC IDIOMS (आयुर्वेदिक दोहे : संकलन)

                                                      

आयुर्वेदिक दोहे : संकलन
(कपया अजमाते समय पूर्ण सावधानी बरते )


1. जहाँ  कहीं  भी आपको,  काँटा  कोइ  लग  जाय  ।
     दूधी  पीस  लगाइये,  काँटा  बाहर  आय  ।।

2. मिश्री  कत्था  तनिक  सा,  चूसें  मुँह  में  डाल  ।
    मुँह  में  छाले  हों  अगर,  दूर  होंय  ... तत्काल  ।।

3.
पौदीना  औ  इलायची,  लीजै  दो - दो  ग्राम  ।
    खायें  उसे  उबाल  कर,  उल्टी  से  आराम  ।।

4.
छिलका  लेंय  इलायची,  दो  या  तीन  गिराम ।
    सिर  दर्द  मुँह  सूजना,  लगा  होय  आराम  ।।

5.
अण्डी  पत्ता  वृंत  पर,  चुना  तनिक  मिलाय ।
    बार - बार  तिल  पर  घिसे,  तिल  बाहर  आ  जाय।।

6.
गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार । 
    सभी जगह उपलब्ध यह, दूर करे अतिसार ।।

7.
खट्टा दामिड़ रस, दही, गाजर शाक पकाय ।
    दूर करेगा अर्श को, जो भी इसको खाय।।

8.
रस अनार की कली का, नाकबूँद दो डाल ।
    खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल ।।

9.
भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय ।
     चक्कर आना बंद हों, जो भी इसको खाय ।।

10.
मूली की शाखों का रस, ले निकाल सौ ग्राम ।
      तीन बार दिन में पियेंपथरी से आराम ।।

11.
दो चम्मच रस प्याज की, मिश्री सँग पी जाय । 
      पथरी केवल बीस दिनमें गल बाहर जाय ।।

12.
आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय ।
       पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय ।।

13.
सदा करेला रस पिये, सुबहा हो औ शाम ।
      दो चम्मच की मात्रा, पथरी से आराम ।।

14.
एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रस चौलाइ । 
      चीनी सँग लें बीस दिनपथरी दे न दिखाइ।।

15.
खीरे का रस लीजिये, कुछ दिन तीस ग्राम ।
      लगातार सेवन करें, पथरी से आराम ।।

16.
बैगन भुर्ता बीज बिन, पन्द्रह दिन गर खाय । 
      गल-गल करके आपकीपथरी बाहर आय ।।

17.
लेकर कुलथी दाल को, पतली मगर बनाय । 
      इसको नियमित खाय तोपथरी बाहर आय ।।

18.
दामिड़(अनार) छिलका सुखाकर,पीसे चूर बनाय । 
      सुबह-शाम जल डालकम, पी मुँह बदबू जाय ।।

19.
चूना घी और शहद को, ले सम भाग मिलाय । 
      बिच्छू को विष दूर होइसको यदि लगाय ।।

20.
गरम नीर को कीजिये, उसमें शहद मिलाय ।
      तीन बार दिन लीजियेतो जुकाम मिट जाय ।।

21.
अदरक रस मधु (शहद) सग्‍, करें अगर उपयोग ।   
      दूर आपसे होयगाकफ औ खाँसी रोग।।

22.
ताजे तुलसी-पत्र का, पीजे रस दस ग्राम ।
      पेट दर्द से पायँगे, कुछ पल मैं आराम ।।

23.
बहुत सहज उपचार है, यदि आग जल जाय । 
      मींगी पीस कपास कीफौरन जले लगाय।। 

24.
रुई जलाकर भस्म कर, वहाँ करें भुरकाव । 
      जल्दी ही आराम हो, होय जहाँ पर घाव ।।

25.
नीम-पत्र के चूर्ण मैं, अजवायन इक ग्राम ।    
      गुण संग पीजै पेट के, कीड़ों से आराम ।।

26.
दो-दो चम्मच शहद औ, रस ले नीम का पात । 
      रोग पीलिया दूर हो, उठे पिये जो प्रात ।।

27.
मिश्री के संग पीजिये, रस ये पत्ते नीम । 
      पेंचिश के ये रोग में, काम न कोई हकीम ।।

28.
हरड बहेडा आँवला चौथी नीम गिलोय
      पंचम जीरा डालकर सुमिरन काया होय॥

29.
सावन में गुड खावै, सो मौहर बराबर पावै॥

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